मंजिल है चंद फासले पे,हर फासला ये अहसास देता है !
जिन्दगी की साम होने को है ,आब हर लम्हा ये अहसास देता है!!
Thursday, December 6, 2007
dastan
दफन रह्नेदो इन ख्वाबों को
ताबीर की हसरत न दो इन्हें !
की हकीक़त की दहलीज पे
देखा है इन्हें दम तोड़ते!!
ताबीर की हसरत न दो इन्हें !
की हकीक़त की दहलीज पे
देखा है इन्हें दम तोड़ते!!
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